? जान से भी ज्यादा प्यारे हो गए हो इतने की,
आंसू भी मीठे लगते है तेरी याद में।
बस यहीं एक आखरी तमन्ना है की,
सांसे भी छूटे अब तेरी बाहों में।?
✍️ धृति मेहता (असमंजस)
? जान से भी ज्यादा प्यारे हो गए हो इतने की,
आंसू भी मीठे लगते है तेरी याद में।
बस यहीं एक आखरी तमन्ना है की,
सांसे भी छूटे अब तेरी बाहों में।?
✍️ धृति मेहता (असमंजस)