वो हवाएं भी खुशनसीब हैं,
जो तुझे छूकर गुजरती हैं।
नसीब हमारा भी कम नहीं,
तेरी सांसे जो हम तक आकर रुकती हैं।
✍️ धृति मेहता (असमंजस)
वो हवाएं भी खुशनसीब हैं,
जो तुझे छूकर गुजरती हैं।
नसीब हमारा भी कम नहीं,
तेरी सांसे जो हम तक आकर रुकती हैं।
✍️ धृति मेहता (असमंजस)